सम्पूर्ण रश्मिरथी Rashmirathi Full Poem Lyrics by Ramdhari Singh ‘Dinkar’
रश्मिरथी केवल एक योद्धा की कथा नहीं है, बल्कि एक ऐसे पुरुष की जीवनगाथा है जिसे युगों ने नहीं समझा, पर जिसकी मर्यादा, दान ...
रामधारी सिंह ‘दिनकर’ (23 सितंबर 1908 – 24 अप्रैल 1974) हिंदी साहित्य के प्रख्यात कवि और स्वतंत्रता संग्राम के प्रेरणास्त्रोत रहे। बिहार के सिमरिया गांव में जन्मे दिनकर जी का काव्य राष्ट्रप्रेम, सामाजिक चेतना और क्रांति की भावना से ओतप्रोत है। उनकी रचनाओं में ओज, शृंगार और वीर रस का अद्भुत समन्वय देखने को मिलता है। प्रमुख कृतियों में रश्मिरथी, परशुराम की प्रतीक्षा, उर्वशी, और कुरुक्षेत्र शामिल हैं। दिनकर जी को उनकी रचना “उर्वशी” के लिए ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया और वे “राष्ट्रकवि” की उपाधि से भी विभूषित हुए।
इस पेज पर, हम रामधारी सिंह दिनकर की प्रसिद्ध कविताओं और रचनाओं को संग्रहित कर रहे हैं। फिलहाल, दिनकर की कालजयी कृति रश्मिरथी को प्रस्तुत किया गया है, जो कर्ण के जीवन और संघर्ष की मार्मिक कथा है। इस पेज को नियमित रूप से अपडेट किया जाएगा ताकि आप उनकी अन्य रचनाओं को भी पढ़ सकें। इस पेज पर आपको दिनकर जी की लेखन शैली, उनके विचार और उनकी साहित्यिक विशेषताओं का गहन परिचय मिलेगा।
रश्मिरथी केवल एक योद्धा की कथा नहीं है, बल्कि एक ऐसे पुरुष की जीवनगाथा है जिसे युगों ने नहीं समझा, पर जिसकी मर्यादा, दान ...
Rashmirathi Krishna ki Chetavani by Ramdhari Singh ‘Dinkar’: कृष्ण की चेतावनी, रामधारी सिंह ‘दिनकर’ जी के प्रसिद्ध खण्डकाव्य रश्मिरथी का बहुत ही उत्कृष्ठ और ...
रश्मिरथी – सप्तम सर्ग | रामधारी सिंह ‘दिनकर’ अब तक आपने पढ़ा:कुरुक्षेत्र की रणभूमि लहूलुहान हो चुकी थी। धर्मक्षेत्र में अधर्म की आँधियाँ मंद ...
रश्मिरथी – सर्ग 5 | रामधारी सिंह ‘दिनकर’ अब तक आपने पढ़ा:कर्ण — वो योद्धा, जिसे समाज ने कभी अपनाया नहीं, लेकिन जिसे दुर्योधन ...
रश्मिरथी – सर्ग 6 | रामधारी सिंह ‘दिनकर’ अब तक आपने पढ़ा:कृष्ण और कुंती ने कर्ण को मनाने का हर प्रयास किया, लेकिन सब ...
रश्मिरथी – सर्ग 4 | रामधारी सिंह ‘दिनकर’ पिछले सर्ग में आपने पढ़ा:कृष्ण ने दुर्योधन को अंतिम बार समझाने का प्रयास किया — कहा, ...
रश्मिरथी – सर्ग 3 | रामधारी सिंह ‘दिनकर’ पिछले सर्ग में आपने पढ़ा:कर्ण ने रंगभूमि में अर्जुन को ललकारा था। दुर्योधन ने उसका सम्मान ...
रश्मिरथी – सर्ग 2 | रामधारी सिंह ‘दिनकर’ पिछले सर्ग में आपने पढ़ा:कैसे कर्ण ने रंगभूमि में अर्जुन को ललकारा और क्षत्रिय अभिमान को ...
रश्मिरथी – सर्ग 1 | रामधारी सिंह ‘दिनकर’ Rashmirathi Sarg 1 by Ramdhari Singh ‘Dinkar’: कौरवों और पाण्डवों की शिक्षा पूर्ण हो चुकी थी। ...