काव्यांकन: हिंदी कविताओं का समृद्ध संग्रह
“काव्यांकन” हिंदी साहित्य और काव्य प्रेमियों के लिए समर्पित एक विशेष मंच है। इस वेबसाइट का उद्देश्य हिंदी के प्रसिद्ध कवियों की लोकप्रिय कविताओं को एकत्रित कर, उन्हें डिजिटल युग में एक नई पहचान देना है।
साइट की विशेषताएँ:
- प्रसिद्ध कविताओं का संग्रह:
यहां आपको हिंदी के महान कवियों की कालजयी रचनाएँ पढ़ने को मिलेंगी। चाहे वह रामधारी सिंह ‘दिनकर’ की ओजपूर्ण कविताएँ हों या महादेवी वर्मा की भावनात्मक रचनाएँ, हर शैली और हर रस की कविताओं का खजाना यहाँ मौजूद है। - साहित्यिक धरोहर का संरक्षण:
हिंदी साहित्य का अमूल्य खजाना, जो किताबों तक सीमित था, अब डिजिटल रूप में सभी के लिए सुलभ होगा। - उपयोगकर्ता अनुभव:
साइट को सरल, सुगम और आकर्षक तरीके से डिज़ाइन किया गया है, ताकि पाठक बिना किसी रुकावट के अपनी पसंदीदा कविताओं का आनंद ले सकें। - साहित्य प्रेमियों का समुदाय:
“काव्यांकन” केवल कविताएँ पढ़ने का माध्यम नहीं, बल्कि साहित्य प्रेमियों का एक समुदाय है, जहाँ लोग अपनी पसंदीदा कविताओं पर चर्चा कर सकते हैं, विचार साझा कर सकते हैं और हिंदी साहित्य के प्रति अपने प्रेम को बढ़ावा दे सकते हैं।
हमारा उद्देश्य:
“काव्यांकन” का लक्ष्य है:
- हिंदी साहित्य को प्रोत्साहित करना।
- नई पीढ़ी को हिंदी कविताओं से जोड़ना।
- हिंदी भाषा और साहित्य को डिजिटल युग में समृद्ध बनाना।
हमारा संदेश:
“हिंदी की कविताएँ हमारी संस्कृति और भावनाओं का प्रतिबिंब हैं। ‘काव्यांकन’ के जरिए हम इन्हें हर दिल तक पहुँचाने का प्रयास कर रहे हैं।”
यह साइट हिंदी प्रेमियों के लिए एक ऐसा मंच है, जहाँ वे साहित्यिक आनंद की अनुभूति कर सकते हैं। आइए, इस यात्रा का हिस्सा बनें और हिंदी साहित्य को आगे बढ़ाने में योगदान दें।
जलंधर के बारे में:
नमस्ते! मेरा नाम जलन्धर है। मौजूदा समय में मैं मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (MMMUT) में कंप्यूटर एप्लीकेशन में स्नातकोत्तर (MCA) की पढ़ाई कर रह हूँ। प्रौद्योगिकी में पढ़ाई के नाते मैं पिछले कई वर्षों से तकनीकी दुनिया से जुड़ा रहा हूँ। लेकिन दूसरी ओर मुझे हिंदी भाषा और साहित्य में भी विशेष रुचि है। और ‘काव्यांकन’ कदाचित् उसी रुचि का या फिर कहें की मेरे तकनीकी समझ और रचनात्मकता के संगम का ही परिणाम है जहाँ मैं अपने पसंदीदा कवियों की कविताओं को अपने सहूलियत के लिए एकत्र कर रहा हूँ।
मेरा मानना है:
“हिंदी सिर्फ एक भाषा नहीं, हमारी पहचान और सांस्कृतिक धरोहर है। इसे संजोना और फैलाना हमारा कर्तव्य है।”